यंगिस्तान कबड्डी समिति के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय टूर्नामेंट
ग्राम पोटापारा में 26-27 दिसंबर को आयोजित महिला कबड्डी प्रतियोगिता का समापन उत्साह और प्रेरणा के माहौल में हुआ। यंगिस्तान कबड्डी समिति के तत्वावधान में आयोजित इस दो दिवसीय टूर्नामेंट में 20 टीमों ने हिस्सा लिया। गौरेला-पेंड्रा की टीम ने फाइनल में शानदार प्रदर्शन कर खिताब अपने नाम किया।
गौरेला-पेंड्रा ने दिखाया दमखम
फाइनल मुकाबले में गौरेला-पेंड्रा और बिलासपुर की टीमों के बीच रोमांचक खेल हुआ। दोनों टीमों ने अपनी रणनीति और कौशल का बेहतरीन प्रदर्शन किया। गौरेला-पेंड्रा ने अपनी टीम वर्क और खेल भावना के बल पर बिलासपुर को हराकर जीत दर्ज की। प्रतियोगिता में STC बिलासपुर द्वितीय, रायपुर तृतीय, और भिलाई चतुर्थ स्थान पर रही।
“मेहनत और विश्वास का नतीजा”
गौरेला-पेंड्रा की कप्तान ने अपनी जीत पर कहा,
“यह हमारी टीम की कड़ी मेहनत और विश्वास का नतीजा है। इस तरह के आयोजन हमें न केवल अपने कौशल को निखारने का मौका देते हैं, बल्कि हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी करते हैं।”
नया मंच, नई शुरुआत
यंगिस्तान कबड्डी समिति ने पहली बार महिला खिलाड़ियों के लिए इस प्रतियोगिता का आयोजन किया। समिति के अध्यक्ष ने कहा,
“हमारी कोशिश ग्रामीण क्षेत्र की बेटियों को एक मंच देने और उनकी प्रतिभा को राष्ट्रीय पहचान दिलाने की है।”
प्रेरणा का स्रोत बना आयोजन
मुख्य अतिथि भाजपा महासमुंद के जिला उपाध्यक्ष जितेन्द्र त्रिपाठी ने खिलाड़ियों और दर्शकों को संबोधित करते हुए कहा,
“खेल सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि अनुशासन, आत्मविश्वास और टीम वर्क का पाठ भी सिखाते हैं। महिला खिलाड़ियों की भागीदारी पूरे समाज के लिए प्रेरणादायक है।”
उन्होंने ग्राम के विकास के लिए ₹5 लाख की योजना की घोषणा भी की।
खेल भावना और समाज का जुड़ाव
ग्रामवासियों और दर्शकों का जोश देखने लायक था। पूरा मैदान तालियों और जयकारों से गूंजता रहा। खिलाड़ियों और आयोजन समिति को भरपूर समर्थन मिला। इस आयोजन ने बेटियों की बढ़ती भागीदारी और खेलों के प्रति जागरूकता को नया आयाम दिया।
खेल और विकास का संदेश
यह महिला कबड्डी प्रतियोगिता केवल एक खेल आयोजन नहीं, बल्कि बेटियों की सफलता, सामूहिकता और विकास का प्रतीक बन गई। यह आयोजन पूरे क्षेत्र के लिए गर्व और प्रेरणा का कारण बना।
