महासमुंद: आदिवासी विकास की ओर सशक्त कदम

महासमुंद में आदिवासी विकास के नए आयाम: समृद्धि और सशक्तिकरण की मिसाल

महासमुंद जिले में आदिवासी और अनुसूचित जाति समुदायों के उत्थान के लिए आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग के प्रयासों ने विकास की नई कहानी लिखी है। शिक्षा, आर्थिक सहायता, आवासीय सुविधाओं, वनाधिकार, और सांस्कृतिक संरक्षण के क्षेत्र में मिली इन उपलब्धियों ने इन समुदायों की प्रगति का मार्ग प्रशस्त किया है।

शिक्षा में गुणवत्ता और पहुंच

जिले में 115 छात्रावास और आश्रमों में 5433 विद्यार्थी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इसके साथ ही, एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में सीबीएसई पाठ्यक्रम के तहत 417 विद्यार्थियों को शिक्षित किया जा रहा है। सत्र 2023-24 में 7437 विद्यार्थियों को पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत 418.14 लाख रुपए की सहायता मिली, जिससे उच्च शिक्षा के अवसर और सशक्त हुए।

आर्थिक और सामाजिक उत्थान

अंतर्जातीय विवाह योजना के तहत 36 दंपतियों को 90 लाख रुपए की सहायता दी गई। पी.व्ही.टी.जी. परिवारों को योजनाओं से जोड़ते हुए हजारों आधार कार्ड, बैंक खाते, आयुष्मान कार्ड, और राशन कार्ड जारी किए गए। पी.व्ही.टी.जी. आवास योजना के तहत 7 आवासों के निर्माण के लिए 17.50 लाख रुपए स्वीकृत किए गए।

वनाधिकार और सांस्कृतिक संरक्षण

वनाधिकार अधिनियम के तहत व्यक्तिगत और सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र वितरित कर 50 परिवारों और 5 समुदायों को अधिकार दिए गए। सांस्कृतिक संरक्षण के तहत देवगुड़ी निर्माण योजना के अंतर्गत 40 देवगुड़ियों के निर्माण के लिए 60 लाख रुपए स्वीकृत किए गए।

समृद्धि की ओर सशक्त कदम

महासमुंद में आदिवासी और अनुसूचित जाति समुदायों के लिए यह पहलें न केवल उनके जीवन स्तर को ऊंचा उठा रही हैं, बल्कि जिले के सर्वांगीण विकास में भी योगदान दे रही हैं। शासन की इन योजनाओं और प्रयासों ने समृद्धि और सशक्तिकरण की दिशा में मजबूत आधार तैयार किया है।

Leave a Comment