प्राचीन कबीर कुटी तरेकेला में श्रीमद भागवत कथा: भक्ति, श्रद्धा और अध्यात्म का दिव्य संगम कथा का आज चौथा दिन

बसना/तरेकेला, 21 फरवरी – तरेकेला स्थित प्राचीन कबीर कुटी में चल रही सात दिवसीय श्रीमद भागवत ज्ञान यज्ञ कथा श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र बनी हुई है। 18 फरवरी से आरंभ हुआ यह धार्मिक आयोजन 24 फरवरी तक चलेगा, जिसमें भक्तगण भक्ति, सत्संग और श्रीकृष्ण महिमा का रसपान कर रहे हैं।

चतुर्थ दिवस: श्रीकृष्ण जन्म लीला का हुआ अलौकिक वर्णन

आज कथा के चतुर्थ दिवस पर सुप्रसिद्ध कथा वाचिका ज्योति किशोरी जी ने श्रीकृष्ण जन्म लीला का अत्यंत भावपूर्ण एवं सजीव वर्णन किया। जैसे ही कथा में यह प्रसंग आया कि कैसे कंस के कारागार में देवकी और वसुदेव के पुत्र के रूप में स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने अवतार लिया, तो श्रद्धालु भाव-विभोर हो उठे। पूरा पंडाल “नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की” के जयघोष से गूंज उठा।

कथा में विस्तार से बताया गया कि कैसे वसुदेव जी ने योगमाया के प्रभाव से जेल के सभी प्रहरी सो गए और यमुना जी ने उनके चरण पखारकर बाल कृष्ण के सुरक्षित गोकुल गमन का मार्ग प्रशस्त किया। जैसे ही यह प्रसंग आया, श्रद्धालु भक्ति रस में डूब गए और कई लोगों की आंखें श्रद्धा से नम हो गईं।

भगवान श्रीकृष्ण के जीवन प्रसंगों से मिली प्रेरणा
कथा के दौरान यह बताया गया कि कैसे भगवान श्रीकृष्ण ने धरती पर धर्म की पुनः स्थापना की और अन्याय के विरुद्ध खड़े होकर समाज को एक नई दिशा दी। उनके जीवन प्रसंगों से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि सत्य, धर्म और कर्तव्य के मार्ग पर चलते हुए अपने जीवन को श्रेष्ठ बनाया जाए।

महंत लखन मुनि साहेब का प्रवचन: श्रीमद भागवत कथा जीवन का मार्गदर्शन

कथा प्रवचन के दौरान महंत लखन मुनि साहेब ने कहा कि श्रीमद भागवत कथा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि यह समाज में प्रेम, एकता और नैतिकता के संचार का भी सशक्त माध्यम है। उन्होंने बताया कि आधुनिक समय में जहां मनुष्य मानसिक तनाव और भागदौड़ में अपनी शांति खो चुका है, वहां श्रीमद भागवत कथा उसके लिए आध्यात्मिक और आत्मिक शांति का मार्गदर्शन करती है।

उन्होंने यह भी कहा कि श्रीमद भागवत कथा केवल कथा नहीं, बल्कि भगवान के सीधे संवाद का माध्यम है, जहां भक्ति, ज्ञान और वैराग्य की त्रिवेणी बहती है। इसे सुनकर आत्मा निर्मल होती है और जीवन में सकारात्मकता आती है।

श्रद्धालुओं की उमड़ी भारी भीड़, भक्ति रस में डूबे भक्तजन

कथा स्थल पर श्रद्धालुओं का विशाल जनसैलाब उमड़ पड़ा है। भक्तजन संगीतमय भजनों और कीर्तन के माध्यम से भक्ति रस में सराबोर हो रहे हैं। श्रीकृष्ण भजनों की मधुर ध्वनि से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया है और भक्तगण झूम-झूम कर भक्ति में लीन हो रहे हैं।

नित्य भंडारे का आयोजन, श्रद्धालुओं ने पाया प्रसाद

कथा के साथ-साथ प्रतिदिन विशाल भंडारे का भी आयोजन किया जा रहा है, जहां हजारों श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण कर श्रीमद भागवत कथा का पूर्ण लाभ ले रहे हैं। आयोजन समिति ने बताया कि सेवा और दान धर्म का सबसे बड़ा कार्य है, और इस आयोजन के माध्यम से भक्तों को नि:स्वार्थ सेवा का अवसर भी मिल रहा है।

समाज में प्रेम, भाईचारे और समरसता का संदेश

यह आयोजन धार्मिक आस्था को सशक्त करने के साथ-साथ समाज में प्रेम, भाईचारे और समरसता का भी संदेश दे रहा है। आयोजन समिति ने सभी श्रद्धालुओं से अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर धर्म लाभ अर्जित करने की अपील की है।

आयोजन के आयोजकों ने कहा कि ऐसे धार्मिक आयोजनों से समाज में सकारात्मकता बढ़ती है और लोगों को अपने जीवन में आध्यात्मिक शांति प्राप्त करने का अवसर मिलता है।

श्रीमद भागवत कथा का यह दिव्य आयोजन श्रद्धालुओं को भक्ति और आध्यात्मिकता की अमृतधारा से सराबोर कर रहा है, जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय और आनंदमय बन गया है।

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