सफलता की कहानी
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम से मिली नई उड़ान
ऋण की मदद से दिव्या ने खोला पोल्ट्री फार्म, बदल गई जिंदगी
महासमुंद जिले के अछारीहडीह गांव की श्रीमती दिव्या सोनवानी ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) के माध्यम से अपनी जिंदगी को एक नई दिशा दी है। एक साधारण गृहिणी से सफल व्यवसायी बनने का उनका सफर प्रेरणादायक है।
खबर का मुख्य अंश
दिव्या, जो अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए हमेशा प्रयासरत थीं, ने एक दिन समाचार पत्र में PMEGP योजना के बारे में पढ़ा। इस योजना ने उनके भीतर आत्मनिर्भर बनने की नई उम्मीद जगाई।
उन्होंने महासमुंद जिला पंचायत के खादी ग्रामोद्योग विभाग से संपर्क कर योजना की जानकारी ली और प्रक्रिया को समझने के बाद छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक, बिरकोनी शाखा में पोल्ट्री फार्म स्थापित करने के लिए ऋण के लिए आवेदन किया। उनकी मेहनत और इच्छाशक्ति के कारण उन्हें 6 लाख रुपये का ऋण स्वीकृत हुआ, जिसमें 35% सब्सिडी भी शामिल थी।
चुनौतियों से सफलता तक का सफर
दिव्या ने पूरी लगन और समर्पण के साथ अपना पोल्ट्री फार्म शुरू किया। हालांकि शुरुआती दिनों में उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। आज उनका व्यवसाय सफलतापूर्वक चल रहा है और उन्हें अच्छी आमदनी हो रही है। इससे न केवल उनके परिवार की आर्थिक स्थिति सुधरी है, बल्कि वे समय पर ऋण भी चुका रही हैं।
दिव्या का संदेश
दिव्या ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम ने मुझे आत्मनिर्भर बनने का अवसर दिया। आज मैं अपने पैरों पर खड़ी हूं और गर्व महसूस करती हूं। यह योजना मेरे जैसे हजारों लोगों के सपनों को साकार कर रही है।”
सरकार के प्रयासों की सराहना
PMEGP योजना ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार को बढ़ावा देने का एक बेहतरीन उदाहरण है। दिव्या सोनवानी की सफलता उन सभी के लिए प्रेरणा है, जो आत्मनिर्भर बनने का सपना देख रहे हैं।
(यह खबर महासमुंद विकासखंड से प्राप्त जानकारी पर आधारित है।)