सिरको, छत्तीसगढ़ — महासमुंद जिले का छोटा सा गांव सिरको अब सिर्फ एक गांव नहीं रहा, बल्कि ग्रामीण विकास और सांस्कृतिक जागरूकता का प्रतीक बनता जा रहा है। गांव के सरपंच फगूलाल नेताम के नेतृत्व में सिरको स्मार्ट गांव बनने की दिशा में लगातार अग्रसर है।
हाल ही में सिरको में आयोजित रंगमंच कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ की पारंपरिक कलाकृतियों को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया, जिसने दर्शकों को लोकसंस्कृति, रीति-रिवाज और छत्तीसगढ़ी गौरव से रूबरू कराया। इस सांस्कृतिक आयोजन ने गांव के बच्चों और युवाओं में छत्तीसगढ़ी पहचान के प्रति गर्व और जागरूकता बढ़ाई।
गांव के विकास में भी सरपंच नेताम की भूमिका उल्लेखनीय रही है। वे नियमित रूप से ग्रामीणों से संवाद कर सरकार की योजनाओं की जानकारी देते हैं और सभी के सहयोग से गांव को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
प्रमुख विकास कार्यों में शामिल हैं:
गली-गली में स्मार्ट मिनी स्ट्रीट लाइट और बिजली के खंभों पर लाइट की सुविधा
पेयजल और स्नान व्यवस्था में सुधार
अवैध शराब पर रोक लगाने हेतु अभियान
महिला स्वसहायता समूहों को बढ़ावा देना
वृद्धा पेंशन हेतु घर-घर जाकर फॉर्म एकत्र करना
प्रधानमंत्री आवास योजना में पात्र लोगों को प्राथमिकता दिलाना
हाल ही में संपन्न हुए ‘सुशासन तिहार’ के अंतर्गत भी ग्रामीणों ने बड़ी संख्या में आवेदन देकर गांव की बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करने की मांग रखी है।
ग्रामीणों का कहना है कि वे हर संभव प्रयास कर रहे हैं कि उनका गांव आसपास के अन्य गांवों के लिए एक आदर्श उदाहरण बने। विकास और संस्कृति का यह संगम, सिरको को छत्तीसगढ़ के नक्शे में एक अलग पहचान दिला रहा है।
