विधायक चातुरी नंद ने विधानसभा में उठाया फ्लाई एश परिवहन का मुद्दा

– सारंगढ़-सरायपाली स्टेट हाइवे पर राखड़ परिवहन से परेशान ग्रामीण, पूर्व में कर चुके हैं चक्काजाम

ासमुन्द: सरायपाली विधायक चातुरी नंद ने विधानसभा में फ्लाई एश परिवहन से जुड़ी समस्याओं को लेकर बड़ा सवाल उठाया। उन्होंने सरकार से पूछा कि बिना तिरपाल ढंके और ओवरलोड वाहनों के कारण प्रदूषण और दुर्घटनाओं की बढ़ती घटनाओं पर क्या कार्रवाई की गई है?

विधायक नंद के तारांकित प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने लिखित जानकारी देते हुए बताया कि राखड़ परिवहन केंद्रीय मोटरयान नियम 1989 के नियम 138(ख) के तहत संचालित हो रहा है और अब तक सारंगढ़-सरायपाली स्टेट हाइवे पर इसके खिलाफ कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई है।

हालांकि, मुख्यमंत्री के इस जवाब पर विधायक चातुरी नंद ने कड़ा ऐतराज जताया और आरोप लगाया कि परिवहन विभाग के अधिकारी झूठी जानकारी दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि 16 जनवरी को ग्रामीणों ने फ्लाई एश वाहनों के खिलाफ चक्काजाम किया था, लेकिन सरकार इस मुद्दे को नजरअंदाज कर रही है।

21 लाख से ज्यादा शमन शुल्क वसूला गया, लेकिन समस्या जस की तस

मुख्यमंत्री के जवाब के अनुसार, 1 जनवरी 2024 से 31 जनवरी 2025 तक सारंगढ़-सरायपाली मार्ग से आरंग तक फ्लाई एश परिवहन की जांच के दौरान 206 वाहनों पर कार्रवाई की गई और ₹21,81,500 शमन शुल्क वसूला गया।

ग्रामीणों की परेशानियां बरकरार, बीमारियों का खतरा बढ़ा

विधायक चातुरी नंद ने कहा कि बोंदा, पाटसेंद्री समेत आधा दर्जन गांवों के लोग फ्लाई एश परिवहन से बुरी तरह परेशान हैं। बिना तिरपाल ढंके सैकड़ों वाहनों की आवाजाही से प्रदूषण बढ़ रहा है, जिससे स्थानीय लोग आंख, त्वचा और श्वास संबंधी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि ओवरलोड वाहनों के कारण सड़कें कमजोर हो रही हैं और दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं, लेकिन प्रशासन चुप्पी साधे बैठा है।

विधायक का प्रशासन पर हमला

विधायक नंद ने कहा, “मैंने कई बार कलेक्टर से शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। परिवहन विभाग ने आंख मूंद ली है, जिससे ग्रामीणों की परेशानी बढ़ती जा रही है।”

ग्रामीणों में आक्रोश, आंदोलन की चेतावनी

स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर जल्द समाधान नहीं निकला तो वे बड़े आंदोलन के लिए मजबूर होंगे। विधायक चातुरी नंद ने भी प्रशासन को चेताया कि यदि फ्लाई एश परिवहन को नियमों के तहत नियंत्रित नहीं किया गया, तो वे उग्र विरोध प्रदर्शन करेंगे।

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