विधायक चातुरी नंद ने उठाया पुलिस आरक्षक आत्महत्या मामला

– राजनांदगांव जिले में पुलिस भर्ती में गड़बड़ी के बाद आरक्षक ने की थी आत्महत्या
मृत आरक्षक अनिल रत्नाकर सरायपाली क्षेत्र के ग्राम सूखापाली का था निवासी

महासमुंद। सरायपाली विधायक चातुरी नंद ने बजट सत्र के दौरान राजनांदगांव जिले में हुई पुलिस भर्ती गड़बड़ी और उससे जुड़े आरक्षक अनिल रत्नाकर की आत्महत्या के मामले को विधानसभा में उठाया। उन्होंने गृहमंत्री से इस प्रकरण में जवाब मांगा और पुलिस विभाग की भूमिका पर सवाल खड़े किए।

गृहमंत्री विजय शर्मा ने लिखित जवाब में स्वीकार किया कि राजनांदगांव जिले में वर्ष 2024 की पुलिस भर्ती में गड़बड़ी हुई थी। इस मामले में थाना लालबाग में अपराध क्रमांक 568/24 के तहत बीएनएस की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। जांच के दौरान 13 पुलिसकर्मियों सहित 15 लोगों के खिलाफ सबूत मिले हैं, जिनमें महिला आरक्षक, आरक्षक, कंप्यूटर ऑपरेटर और लाईका ऑपरेटर शामिल हैं। सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है, जबकि महिला आरक्षक काजल की गिरफ्तारी अभी बाकी है।

गृहमंत्री ने यह भी बताया कि भर्ती घोटाले में शामिल आरक्षक क्रमांक 1791 अनिल कुमार रत्नाकर ने आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में थाना लालबाग में मर्ग क्रमांक 117/24 दर्ज कर जांच जारी है। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि भर्ती प्रक्रिया में अभ्यर्थियों के अंकों में हेरफेर किया गया था।

विधायक चातुरी नंद ने उठाए सवाल

विधायक चातुरी नंद ने मीडिया के सामने बयान जारी कर पुलिस विभाग की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा,
“गृहमंत्री खुद मान रहे हैं कि भर्ती में गड़बड़ी हुई, लेकिन कार्रवाई केवल आरक्षकों पर की जा रही है। भर्ती प्रक्रिया के जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों को क्यों बख्श दिया गया?”

उन्होंने आगे कहा,
“पुलिस अफसरों के दबाव में एक आरक्षक को आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ा, फिर भी शासन-प्रशासन चुप है। मृतक आरक्षक और उसके परिजनों ने वरिष्ठ अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए थे, लेकिन आज तक उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इस मामले में उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए और दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए।”

सरकार पर साधा निशाना

विधायक नंद ने राज्य सरकार को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात करती है, लेकिन पुलिस और वन विभाग सहित अन्य भर्तियों में लगातार गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। उन्होंने सवाल किया कि जब सरकार पारदर्शिता की बात करती है, तो फिर ऐसी घटनाओं पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही?

उन्होंने मुख्यमंत्री और गृहमंत्री से इस मामले की निष्पक्ष जांच करवाने और दोषी अधिकारियों को कठोर दंड देने की मांग की।

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