छत्तीसगढ़ सरकार: सुशासन और जनहितकारी योजनाओं के सफल आयोजन की गाथा
महासमुंद/छत्तीसगढ़ में सरकार के गठन के एक वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित ‘जनादेश परब’ ने प्रदेशवासियों को सरकारी योजनाओं और सुशासन की व्यापकता से परिचित कराने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान किया। महासमुंद जिले की जनपद पंचायत और उससे संबंधित ग्राम पंचायतों में 9 दिसंबर से 20 दिसंबर तक आयोजित यह महोत्सव सरकार की जनहितकारी नीतियों को जमीनी स्तर तक पहुंचाने का एक अनुकरणीय उदाहरण बना।
ग्रामीण विकास और जनसहभागिता
ग्राम पंचायत पचरी, पथर्री, पासिद, और कनेकेरा के अमृत सरोवरों पर ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों द्वारा वृक्षारोपण किया गया। इस पहल ने पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक सहभागिता को नई दिशा दी। वहीं, सभी ग्राम पंचायतों में स्वच्छता पखवाड़ा का आयोजन कर स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाई गई।
साफ-सफाई अभियान और घर-घर कचरा संग्रहण ने ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के महत्व को रेखांकित किया। गांवों में आयोजित इन अभियानों ने स्वच्छता के प्रति नई सोच विकसित की। इसके साथ ही, गांव के स्कूलों में रंगोली प्रतियोगिता, निबंध लेखन, और ड्राइंग जैसे कार्यक्रमों ने बच्चों में स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति रचनात्मक रुचि उत्पन्न की।
आवास योजनाओं की व्यापकता
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) और जनमन आवास योजना के लाभार्थियों को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का संदेश ‘विष्णु की पाती’ के माध्यम से पहुंचाया गया। इस पहल ने लाभार्थियों को सरकार की प्रतिबद्धता का अनुभव कराया और योजनाओं में उनकी सहभागिता को और प्रोत्साहित किया।
महिला सशक्तिकरण और सामुदायिक गतिविधियां
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) के तहत महिला समूहों की भागीदारी ने आयोजन को और भी सार्थक बना दिया। पटेवा, झलप, भोरिंग, और खैरा कलस्टर में महिलाओं ने रंगोली, संकल्प चक्र, और संगोष्ठियों का आयोजन किया। इन आयोजनों ने न केवल उनकी सामुदायिक भूमिका को सशक्त किया, बल्कि अन्य ग्रामीणों को भी प्रेरित किया।
विकासखंड स्तर पर सक्रियता
16 दिसंबर को जनपद पंचायत महासमुंद में आयोजित कार्यक्रम ने इस आयोजन की भव्यता को नई ऊंचाई दी। मुख्य कार्यपालन अधिकारी बी.एस. मंडावी, अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी रोहिदास पारेश्वर, जनप्रतिनिधियों, और अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में रंगोली प्रतियोगिता, सामूहिक स्वच्छता संकल्प, और वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इन कार्यक्रमों ने सामुदायिक जुड़ाव और स्वच्छता के प्रति जागरूकता को नई दिशा दी।
निष्कर्ष:
‘जनादेश परब’ का यह आयोजन छत्तीसगढ़ सरकार की जनता के प्रति प्रतिबद्धता और विकासशील सोच का प्रतीक है। इन कार्यक्रमों ने न केवल योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाया, बल्कि सामुदायिक सहभागिता, स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण, और महिला सशक्तिकरण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर जागरूकता भी बढ़ाई। इस पहल ने ग्रामीण विकास और सुशासन का एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है।
छत्तीसगढ़ सरकार का यह कदम प्रदेश के समग्र विकास की दिशा में एक मजबूत आधारशिला साबित होगा। इस प्रकार के आयोजन न केवल जनता में विश्वास और सहभागिता बढ़ाते हैं, बल्कि समाज को एकजुट कर विकास की ओर अग्रसर करते हैं।
