ग्राम सिरको की “लखपति दीदी” की प्रेरक सफलता की कहानी
सिरको/महासमुंद, छत्तीसगढ़ | 17 अप्रैल 2025
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य में चल रही बिहान योजना ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में सशक्त बना रही है। इसी योजना की सफलता की कहानी हैं ग्राम सिरको की जानकी नाग, जो आज “लखपति दीदी” के रूप में अपने गांव की प्रेरणा स्रोत बन चुकी हैं।
प्रगति स्वसहायता समूह (SHG) की सदस्य जानकी नाग ने 13 दिसंबर 2020 को बिहान योजना से जुड़कर अपने जीवन की नई शुरुआत की। उन्हें प्रारंभ में समूह से रिवॉल्विंग फंड (RF) के रूप में ₹15,000 तथा बाद में कम्युनिटी इन्वेस्टमेंट फंड (CIF) के अंतर्गत ₹60,000 की सहायता प्राप्त हुई।
इस राशि से जानकी ने आटा चक्की एवं सिलाई मशीन जैसे स्वरोजगार के साधनों की स्थापना की। धीरे-धीरे उन्होंने अपने व्यवसाय का विस्तार किया और बैंक से ऋण लेकर उसे और मजबूती प्रदान की। वर्तमान में जानकी की वार्षिक आय ₹80,000 तक पहुंच चुकी है और वे हर महीने औसतन ₹7000 की आय अर्जित कर रही हैं।
साल 2024 में जानकी नाग को ‘पशु सखी’ की जिम्मेदारी भी सौंपी गई, जिसके तहत उन्हें अतिरिक्त ₹1910 प्रति माह की आय समूह के माध्यम से सरकार से प्राप्त हो रही है। अपने इन प्रयासों के चलते वे अब न केवल अपने परिवार की आर्थिक ज़रूरतें पूरी कर पा रही हैं, बल्कि अपने बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य का भी भरपूर ध्यान रख रही हैं।
जानकी नाग कहती हैं:
“समूह से जुड़ने के बाद मुझे अपनी पहचान मिली। अब मैं आत्मनिर्भर हूं और अपने पैरों पर खड़ी हूं। मुझे खुद पर और अपने काम पर गर्व है।”
उड़ान महिला संकुल संगठन, सांकरा तथा प्रकाश महिला ग्राम संगठन, सिरको के सहयोग से जानकी ने जिस प्रकार आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ाया है, वह अन्य ग्रामीण महिलाओं के लिए भी एक आदर्श बन चुका है। आज उनके मार्गदर्शन में कई अन्य महिलाएं भी छोटे व्यवसायों की ओर अग्रसर हो रही हैं।
बिहान योजना की यह सफलता केवल एक महिला की कहानी नहीं, बल्कि ग्रामीण समाज में सकारात्मक परिवर्तन की मिसाल है। जानकी नाग जैसी महिलाएं साबित कर रही हैं कि अगर उन्हें अवसर मिले, तो वे किसी भी चुनौती का सामना कर सकती हैं और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार कर सकती हैं।