बसना/तरेकेला, 25 फरवरी – सात दिवसीय भागवत कथा का तरेकेला में विधिवत समापन हो गया। 18 से 24 फरवरी तक चले इस धार्मिक आयोजन में श्रद्धालुओं ने आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त किया और कथा के अंतिम दिन विधिपूर्वक पूर्णाहुति सम्पन्न की गई।
कथा का समापन और पूर्णाहुति
भागवत कथा के अंतिम दिन श्रद्धालुओं ने भजन-कीर्तन और पूजन-अर्चना के साथ कथा का सार ग्रहण किया। पूर्णाहुति के अवसर पर यज्ञ का आयोजन किया गया, जिसमें भक्तों ने आहुति देकर अपनी श्रद्धा व्यक्त की। तरेकेला आश्रम के महंत लखन मुनि साहेब ने पूरे आयोजन को विधिवत संपन्न कराया।
कथा वाचिका और श्रद्धालुओं का योगदान
सात दिवसीय इस आयोजन में कथा वाचिका ज्योति किशोरी ने भक्तों को श्रीमद्भागवत की महिमा का रसपान कराया। कथा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का विस्तृत वर्णन किया गया, जिसे सुनकर श्रद्धालु भाव-विभोर हो गए।
भजन-कीर्तन और भंडारे का आयोजन
कथा के समापन पर विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। संगीतमय भजन-कीर्तन से वातावरण भक्तिमय बना रहा, जिससे श्रद्धालु गहरी भक्ति भाव में डूबे नजर आए।
इस धार्मिक आयोजन में स्थानीय भक्तों सहित दूर-दराज से आए श्रद्धालुओं ने भाग लिया और इसे सफल बनाया। आयोजन समिति ने सभी भक्तों का आभार व्यक्त किया और भविष्य में भी ऐसे धार्मिक आयोजनों की कामना की।
