लोकतंत्र की अनमोल शक्ति पर आधारित ‘चुनई तिहार’ कविता
बसना, मोहगांव के पीएमश्री सेजेस स्कूल के शिक्षक योगेश कुमार बढ़ाई ने अपनी नई कविता ‘चुनई तिहार’ के जरिए लोकतंत्र के महत्व को उजागर करते हुए नागरिकों को मतदान के प्रति प्रेरित किया है। कविता में उन्होंने चुनाव को एक उत्सव के रूप में चित्रित किया है और मतदाताओं से अपने अधिकार का प्रयोग करने की अपील की है।
इस कविता के माध्यम से उन्होंने संदेश दिया है कि चुनाव केवल एक प्रक्रिया नहीं, बल्कि लोकतंत्र का पर्व है, जो हर नागरिक की भागीदारी से संपूर्ण होता है। उनकी कविता में मतदान को सौ प्रतिशत करने और सही प्रतिनिधि चुनने पर जोर दिया गया है।
योगेश कुमार बढ़ाई ने अपनी लेखनी के जरिए न केवल चुनाव के प्रति जागरूकता फैलाई है, बल्कि समाज को यह समझाने का प्रयास किया है कि हर वोट की कीमत है और यह समाज के विकास का आधार है। उनकी कविता उन सभी को प्रेरित करती है जो अपने मताधिकार का सही उपयोग करके लोकतंत्र को सशक्त बना सकते हैं।
चुनई तिहार के रूप में इस कविता ने चुनाव को सकारात्मक दृष्टिकोण से देखने का अवसर दिया है।
चुनई तिहार
आवथे चुनई तिहार,
बोट करव सपरिवार।
लोकतंत्र के परब कहाई,
नेता मनखे होही चुनई।
जनता ला समझाना हे,
बोट देबर बुलवाना हे।
बने मनखे ला चुनव,
सबो झन बोट देवव।
बोट हमर अधिकार हे,
लोभ लालच में झन आवव।
बने मनखे ला बोट देवव,
बोट के महत्व ला समझव।
सुख-दुख के साथी चुनव,
बोट दे बर सबो झन आवव।
चुनई तिहार ला सब मनाबो,
ददा-दादी अउ कका-काकी।
सबो झन बोट ला करही,
बोट दे के मनाबो तिहार।
पांच बरस के एके बार,
आवथे चुनई तिहार।
चुनई तिहार के भागी बनव,
बने मनखे ला चुनव।
सौ प्रतिशत मतदान करव,
बढ़ाई योगेश करथे गुहार।
आवथे चुनई तिहार।