महासमुंद: प्रदेश में 67 नई शराब दुकानों के खिलाफ भगवती मानव कल्याण संगठन एवं भारतीय शक्ति चेतना पार्टी ने विरोध प्रदर्शन किया। संगठन ने इस नीति पर नाराजगी जताते हुए सरकार के इस फैसले को समाज के लिए घातक बताया।
ज्ञापन सौंपकर जताया विरोध
संगठन के कार्यकर्ताओं ने जिलाध्यक्ष केशव साव और डॉ. वीरेंद्र चौधरी के नेतृत्व में कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। उन्होंने मांग की कि सरकार नशामुक्ति की दिशा में कार्य करे और शराब दुकानों को बंद करे।
नशे के खिलाफ जागरूकता अभियान
भगवती मानव कल्याण संगठन के अनुसार, वह पिछले 25 वर्षों से नशामुक्त समाज निर्माण के लिए कार्य कर रहा है। संगठन का कहना है कि सरकार एक ओर नशा उन्मूलन की बात करती है, वहीं दूसरी ओर नई शराब दुकानें खोलकर लोगों को नशे की दलदल में धकेल रही है।
महिलाओं और समाज पर असर
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि जहां-जहां शराब की दुकानें खुलती हैं, वहां अपराध, घरेलू हिंसा और सामाजिक अशांति बढ़ती है। इससे महिलाओं को अपमान और बच्चों को असुरक्षित माहौल झेलना पड़ता है।
महासमुंद जिले में विरोध तेज
महासमुंद जिले के बसना, सरायपाली, पिथौरा और बागबाहरा सहित कई क्षेत्रों में शराब की नई दुकानों का कड़ा विरोध किया जा रहा है। स्थानीय नागरिकों ने कहा कि अगर सरकार इस फैसले को वापस नहीं लेती, तो संगठन बड़े आंदोलन की तैयारी करेगा।
इस विरोध प्रदर्शन में रंजीत चंद्राकर, कुंदन नायक, कुमार पटेल, घांसीराम नायक, गनपत पटेल, बसंत डड़सेना, सदानंद साहू, सियाराम डड़सेना, मनोरंजन साहू, श्याम सिदार, बिसाहू यादव, नैनसिंह ठाकुर, होराबाई चंद्राकर सहित सैकड़ों लोग शामिल हुए।
सरकार से मांग
संगठन ने सरकार से अनुरोध किया कि यदि वह वास्तव में महिलाओं के सम्मान और समाज के उत्थान की बात करती है, तो उसे नशामुक्त प्रदेश बनाने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।
