महासमुंद में 108 संजीवनी सेवा बनी जीवनरक्षक, एक वर्ष में 8,749 लोगों को मिली मदद

महासमुंद जिले में 108 एंबुलेंस सेवा बनी जीवनरक्षक

महासमुंद जिले में 108 संजीवनी सेवा ने आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं में एक नई पहचान बनाई है। बीते एक वर्ष में इस सेवा ने 8,749 जरूरतमंदों तक पहुंचकर उनकी जान बचाई और आपातकालीन स्वास्थ्य सहायता प्रदान की। यह सेवा सड़क दुर्घटनाओं, गर्भवती महिलाओं की आपात स्थिति, विषाक्त पदार्थ सेवन, आत्महत्या प्रयास, कार्डियक अरेस्ट और जंगली जानवरों के हमलों जैसी आपातकालीन परिस्थितियों में मसीहा बनकर उभरी है।

महत्वपूर्ण आंकड़े:

सड़क हादसे: 707 मामले

गर्भवती महिलाओं की सहायता: 383 मामले

जहर सेवन: 311 मामले

आत्महत्या के प्रयास: 16 मामले

कार्डियक अरेस्ट: 5 मामले

जंगली जानवरों के हमले: 149 मामले

अन्य बीमारियां (जैसे पेट दर्द, बुखार): 7,178 मामले


24 घंटे सेवा में तत्पर:
108 एंबुलेंस सेवा की टीम 24×7 सेवा में तत्पर रहती है। “गोल्डन ऑवर” के भीतर आपातकालीन मदद देकर यह सेवा घायलों और बीमार व्यक्तियों की जान बचाने में अहम भूमिका निभा रही है।

जेएईएस संस्था द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, महासमुंद जिले में इस सेवा ने लोगों के बीच भरोसे का प्रतीक बनते हुए स्वास्थ्य आपातकाल में राहत और सुरक्षा का अहसास कराया है।
जिला प्रबंधक महेश विशाल के अनुसार, यह सेवा पूरी निष्ठा के साथ जनमानस की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है।

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