वन अधिकार पट्टा: शोभितराम की तकदीर और खेती का नया अध्याय

वन अधिकार पट्टा ने शोभितराम की बदली तकदीर
सब्जी उत्पादन और दो फसल से मिली आर्थिक मजबूती

महासमुंद, 08 जनवरी 2025
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लागू की गई वन अधिकार पट्टा योजना ने महासमुंद जिले के ग्राम बैहाडीह निवासी श्री शोभितराम बरिहा के जीवन में एक ऐतिहासिक बदलाव किया है। बिंझवार जाति के श्री शोभितराम पहले अपनी जमीन पर खेती तो करते थे, लेकिन यह पूरी तरह से बारिश पर निर्भर थी। इससे उन्हें न केवल कम आय होती थी, बल्कि अपनी उपज व्यापारियों को सस्ते दामों पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ता था।

वन अधिकार पट्टा मिलने के बाद, उन्होंने अपनी जमीन को समतल और उपजाऊ बनाने पर काम किया। इसके बाद उनकी खेती अधिक उत्पादक बन गई और वे सरकारी धान उपार्जन केंद्रों पर अपनी उपज उचित मूल्य और बोनस के साथ बेचने में सक्षम हो गए। इसका सीधा असर उनकी वार्षिक आय पर पड़ा, जो पहले के 25-30 हजार रुपये से बढ़कर अब 60-70 हजार रुपये हो गई।

वन अधिकार पट्टा से मिली स्थिरता ने शोभितराम को सिंचाई के लिए ट्यूबवेल लगाने और आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाने के लिए प्रेरित किया। अब वे साल में दो फसलें उगाने में सक्षम हैं। धान के साथ गेहूं, सूरजमुखी और सब्जियों की खेती ने उनकी आय को और अधिक बढ़ाया। आय में सुधार ने उन्हें अपने परिवार के लिए एक पक्का मकान बनाने और एक ट्रैक्टर खरीदने का अवसर दिया। ट्रैक्टर का उपयोग वे अपने कार्यों के साथ-साथ किराये पर देकर अतिरिक्त आय अर्जित करने के लिए भी कर रहे हैं।

वन अधिकार पट्टा योजना ने शोभितराम को आत्मनिर्भर बनाकर उनके जीवन में स्थिरता, आर्थिक सुधार, और सामाजिक सम्मान प्रदान किया है। यह योजना उनके और उनके परिवार के लिए एक उज्ज्वल भविष्य की नींव साबित हुई है।

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