महासमुंद/छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की महासमुंद में आयोजित जनसुनवाई में विभिन्न महिला उत्पीड़न और पारिवारिक विवाद से संबंधित प्रकरणों पर विस्तृत चर्चा और निर्णय लिए गए। जनसुनवाई की मुख्य बातें निम्नलिखित हैं:
1. मृतक की संपत्ति का विवाद:
एक प्रकरण में मृतक उमेश चंद्राकर की पत्नी तृप्ति चंद्राकर द्वारा संपत्ति में अकेले नाम चढ़ाने के मामले में आयोग ने स्पष्ट किया कि अन्य कानूनी वारिसों (मृतक के भाई और मां) के अधिकारों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। आयोग ने सुझाव दिया कि संपत्ति विवाद को हल करने के लिए सभी वारिसों के बीच समझौता होना चाहिए या कानूनी प्रक्रिया अपनाई जाए।
2. महिला उत्पीड़न और जातिगत दुर्व्यवहार का मामला:
एक महिला द्वारा सरपंच और अन्य पर पेड़ उखाड़ने, फेंसिंग तार काटने, और दुर्व्यवहार की शिकायत की गई। जांच में आरोपों की पुष्टि होने पर सरपंच के पति पर कार्रवाई की अनुशंसा की गई। ग्राम पंचायत भवन में सुलहनामा प्रक्रिया 29 दिसंबर को निर्धारित की गई है, जिसमें सभी पक्ष उपस्थित रहेंगे।
3. दहेज और दूसरी शादी का मामला:
एक प्रकरण में अनावेदक ने बिना तलाक लिए दूसरी शादी कर ली और बच्चों को मां से मिलने नहीं दे रहा है। आयोग ने दूसरी पत्नी और बच्चों को अगली सुनवाई (24 दिसंबर) में उपस्थित होने का निर्देश दिया।
4. न्यायालय में विचाराधीन मामले:
बलौदा थाने में दर्ज एक मामले में धारा 494 और 498ए के तहत शिकायत विचाराधीन होने के कारण प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।
5. नगर पालिका महासमुंद की कार्यवाही:
इंदिरा मार्केट की दुकान का विवाद सामने आया, जहां मृतक के नाम पर संपत्ति का एकतरफा हस्तांतरण हुआ था। आयोग ने इसे निरस्त कराने के लिए कानूनी कदम उठाने का सुझाव दिया।
आयोग के निर्देश:
महिला आयोग ने पुलिस, ग्राम पंचायत, और संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि सभी पक्षों को सुनवाई में शामिल करने और निष्पक्ष निर्णय लेने के लिए उचित कदम उठाएं। जहां आवश्यक हो, पुलिस बल और संरक्षण अधिकारियों की मदद ली जाएगी।
यह सुनवाई महिलाओं के अधिकारों की रक्षा और पारिवारिक विवादों के समाधान में एक अहम कदम साबित हुई।