मचेवा/महासमुंद-यह कार्यक्रम स्कूली बच्चों और एनएसएस छात्राओं के लिए अत्यंत प्रेरणादायक और उपयोगी रहा। शिविर में दी गई जानकारी न केवल उन्हें अपने कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक बनाती है, बल्कि उनके कैरियर निर्माण के लिए भी दिशा प्रदान करती है।
श्री दामोदर प्रसाद चन्द्रा ने साइबर अपराध, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों पर विशेष रूप से प्रकाश डाला और इनसे बचाव के उपाय बताए। उन्होंने बच्चों को सलाह दी कि वे अपनी रुचियों और क्षमताओं के आधार पर अपने भविष्य की योजना बनाएं। साथ ही, अध्ययन में ईमानदारी और परिश्रम के महत्व को समझाते हुए, उन्होंने उज्जवल भविष्य के निर्माण का मार्गदर्शन दिया।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यों और नालसा के तहत गरीब और कमजोर वर्गों को निःशुल्क कानूनी सहायता की व्यवस्था का उल्लेख करते हुए, श्री चन्द्रा ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 39 ए, अनुच्छेद 14, और अनुच्छेद 22(1) की महत्ता को समझाया। यह जानकारी न केवल सामाजिक न्याय को बढ़ावा देती है, बल्कि छात्रों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति भी जागरूक बनाती है।
कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों में कानूनी ज्ञान और भविष्य निर्माण के प्रति जागरूकता बढ़ाना था, जिसे सफलतापूर्वक पूरा किया गया। इस तरह के शिविर युवाओं को सशक्त और जागरूक नागरिक बनाने में सहायक होते हैं।