पिथौरा राजस्व विभाग की घोर लापरवाही, पंचायत को अंतिम तिथि वाले दिन ही मिला पत्र – ग्रामीणों में आक्रोश

phuljharnews.com Arun Sahu 9827224664

महासमुंद। पिथोरा तहसील के राजस्व विभाग की गंभीर लापरवाही एक बार फिर उजागर हुई है। तहसील पिथोरा अंतर्गत सिरको ग्राम पंचायत को 19 अगस्त 2025 को ऐसा पत्र प्राप्त हुआ, जिसमें भू अभिलेख (मेंटेनेस खसरा सूची) के संबंध में अंतिम प्रकाशन और दावा-आपत्ति की अंतिम तिथि भी यही दिन बताई गई।

अंतिम दिन ही मिली सूचना

नायब तहसीलदार पिथोरा के न्यायालय से जारी इस पत्र में उल्लेख है कि भू सर्वेक्षण तथा भू अभिलेखों को अंतिम रूप दिया जा चुका है। इस पर आपत्ति प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 19 अगस्त 2025 निर्धारित की गई थी। लेकिन विडंबना यह रही कि पंचायत को यही पत्र उसी दिन यानी 19 अगस्त को प्राप्त हुआ।

मुनादी तक नहीं हो पाई

सूचना इतनी देर से पहुंची कि पंचायत स्तर पर न तो समय रहते सूचना प्रसारित की जा सकी और न ही मुनादी कराई जा सकी। कोतवाल को सुबह 10 बजे पत्र सौंपा गया, जबकि दावा-आपत्ति दर्ज कराने का समय 19 अगस्त तक ही सीमित था। इससे यह स्पष्ट हो गया कि आम ग्रामीणों को आपत्ति दर्ज कराने का अवसर ही नहीं दिया गया।

ग्रामीणों के अधिकारों से खिलवाड़

ग्रामीणों का कहना है कि यह विभागीय लापरवाही न सिर्फ उनकी जानकारी छुपाने जैसा है बल्कि उनके संवैधानिक अधिकारों से खिलवाड़ भी है। किसी के जीवनभर की जमीन का मामला है और विभाग इस तरह की हड़बड़ी और लापरवाही से प्रक्रिया पूरी कर रहा है।

ग्रामीणों में आक्रोश

सिरको पंचायत और आसपास के गांवों के लोगों में इस घटना को लेकर भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि जब अंतिम दिन ही पत्र थमाया गया और उसी दिन अंतिम तिथि रखी गई, तो आपत्ति करने का अधिकार किसे और कैसे मिलेगा?

जवाबदेही की मांग

ग्रामीणों ने मांग की है कि इस मामले में पिथोरा राजस्व विभाग की जवाबदेही तय हो और दावा-आपत्ति की समयसीमा बढ़ाकर पुनः अवसर दिया जाए, ताकि कोई भी किसान या ग्रामीण अपने अधिकारों से वंचित न हो।

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