महासमुंद – प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) का उद्देश्य था गरीब तबके को पक्के घर का सपना साकार करना, लेकिन महासमुंद जिले में यह योजना अधर में लटकी हुई नजर आ रही है। कई ग्रामीण अब भी अधूरे मकानों में या फिर झोपड़ियों में जीवन गुजारने को मजबूर हैं। योजना की सुस्त रफ्तार और किस्तों के भुगतान में देरी ने गरीबों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।
कच्चा घर तोड़ा, पर किस्त नहीं मिली
जिले के कई लाभार्थियों ने योजना के तहत पहली किस्त मिलने के बाद अपने पुराने कच्चे मकान तोड़ दिए, लेकिन दूसरी और तीसरी किस्त न मिलने के कारण निर्माण कार्य अधर में अटक गया। पिथौरा ब्लॉक के ठाकुरदिया खुर्द गांव की दुरपति जोशी, बेलमोती बरिहा, लखनी बरिहा सहित कई लोगों ने जनदर्शन में शिकायत की कि पात्र होने के बावजूद उन्हें अपात्र घोषित कर दिया गया। ग्रामीणों का आरोप है कि जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की साठगांठ से भौतिक सत्यापन में गड़बड़ी की गई है।
नंदिनी की बेबसी – नींव बनी, दीवारें नहीं
अमूरदा गांव की नंदनी साहू को 2023 में पहली किस्त मिली थी, जिसके बाद उसने अपने कच्चे घर को तोड़कर नींव डलवाई। लेकिन दूसरी किस्त अब तक नहीं मिली। मजबूरी में नंदनी पिछले दो वर्षों से अपने रिश्तेदार के घर रह रही है। मंगलवार को वह जनदर्शन में पहुंचकर अधिकारियों से गुहार लगाने पहुंची।
झोपड़ी में 80 वर्षीय महिला
इसी गांव की रामेश्वरी यादव (80 वर्ष) ने बताया कि उन्हें केवल पहली किस्त मिली है। दूसरी और तीसरी किस्त नहीं मिली, इसलिए तिरपाल की झोपड़ी में दिन काट रही हैं। उनका पूरा परिवार असुरक्षित व असुविधाजनक हालात में रह रहा है।
14 साल से इंतजार में दिलीप डनसेना
पिथौरा के गिरना पंचायत निवासी दिलीप डनसेना ने बताया कि वे पिछले 14 वर्षों से कच्चे मकान में रह रहे हैं, कई बार आवेदन देने के बावजूद उनका नाम अब तक पात्र सूची में शामिल नहीं किया गया।
पैसे लेकर आवास स्वीकृति का आरोप
ठाकुरदेवखुर्द निवासी चुंबनगिरी गोस्वामी ने आरोप लगाया कि कुछ अपात्र लोगों को घूस लेकर आवास योजना का लाभ दे दिया गया। उनका कहना है कि जिनके पास पहले से पक्का मकान है, उन्हें भी योजना का लाभ मिल गया है।
जिला प्रशासन की सफाई
महासमुंद जिला पंचायत सीईओ एस. आलोक ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री आवास योजना को पीएम आवास में मर्ज किया जा रहा है, जिससे तकनीकी ट्रांजेक्शन में देरी हो रही है। उन्होंने कहा, “पहली किस्त की राशि ₹25,000 जारी कर दी गई है। जैसे ही योजना का मर्जिंग पूरी होगी, आगे की राशि खातों में ट्रांसफर की जाएगी। पात्रों को अपात्र बनाए जाने की शिकायतों की जांच की जाएगी।”
योजना की स्थिति – आंकड़ों में तस्वीर
- लक्ष्य: 51,893
- स्वीकृति: 44,350
- अभी तक तैयार आवास: 7,549
- पहली किस्त प्राप्त: 41,902 हितग्राही
- दूसरी किस्त प्राप्त: 14,724
- तीसरी किस्त प्राप्त: मात्र 3,533
निष्कर्ष
पीएम आवास योजना की धीमी प्रगति, हितग्राहियों की व्यथा और प्रशासनिक लापरवाही से यह साफ है कि ज़मीनी स्तर पर अभी भी कई लोगों को अपने पक्के घर का सपना अधूरा लग रहा है। जरूरत है कि पात्र लोगों को शीघ्रता से राहत दी जाए और योजना की पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए।