“सुशासन तिहार” में डूमरपाली के महेश राम को मिला ‘किसान’ का हक

30 अप्रैल 2025 // बसना, छत्तीसगढ़।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित “सुशासन तिहार” महज एक सरकारी अभियान नहीं, बल्कि आम नागरिकों की समस्याओं का समाधान देने वाला सशक्त मंच बन चुका है। इसी की मिसाल हैं ग्राम डूमरपाली (विकासखंड बसना) के कृषक महेश राम, जिन्हें इस अभियान के माध्यम से वर्षों से लंबित ऋण पुस्तिका प्राप्त हुई।

महेश राम एक छोटे किसान हैं और पूरी तरह कृषि पर निर्भर हैं। बीते एक साल से वे ऋण पुस्तिका के अभाव में बैंक ऋण और कृषि योजनाओं से वंचित थे। अनेक बार प्रयासों के बावजूद उनका आवेदन अधर में ही अटका रहा। लेकिन “सुशासन तिहार” ने उनकी तकदीर बदल दी।

ग्राम स्तरीय शिविर में अपनी समस्या रखने के बाद, प्रशासन ने इसे गंभीरता से लिया। कलेक्टर विनय लंगेह के निर्देश पर, तहसीलदार सुश्री ममता ठाकुर ने महेश राम के मामले को प्राथमिकता दी और आवश्यक जांच के बाद उन्हें ऋण पुस्तिका उपलब्ध कराई।

ऋण पुस्तिका हाथ में पाकर महेश राम की आँखों में जो चमक थी, वह सिर्फ राहत की नहीं, बल्कि शासन में भरोसे की थी। उन्होंने कहा,
“अब मैं अपने खेत के लिए सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकूंगा। यह सुशासन तिहार मेरे लिए किसी त्योहार से कम नहीं।”

यह कहानी दिखाती है कि जब प्रशासन संवेदनशील और सक्रिय हो, तो सुशासन केवल शब्द नहीं, बल्कि जीवन में बदलाव लाने वाली प्रक्रिया बन जाता है। “सुशासन तिहार” ऐसे ही अनेक लोगों के जीवन में उम्मीद की नई किरण बनकर उभरा है।

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