
मुख्य बिंदु:
1. लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ जागरूकता:
25 नवंबर से 10 दिसंबर तक लिंग आधारित हिंसा समाप्त करने के लिए विभिन्न जागरूकता अभियान चलाए गए।
2. बाल विवाह रोकथाम पर जानकारी:
बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत लड़के की आयु 21 वर्ष से कम और लड़की की आयु 18 वर्ष से कम होने पर विवाह को बाल विवाह माना जाता है।
बाल विवाह में शामिल व्यक्तियों को कठोर दंड का प्रावधान है, जिसमें 2 वर्ष का कारावास और 1 लाख रुपये तक का जुर्माना शामिल है।
3. चाइल्ड हेल्पलाइन और अन्य सेवाएं:
1098 चाइल्ड हेल्पलाइन: बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इसकी सेवाओं की जानकारी दी गई।
वन स्टॉप सेंटर: महिलाओं और बच्चों के लिए उपलब्ध सहायता सेवाओं के बारे में बताया गया।
4. कार्यक्रम में सहभागिता:
स्कूली छात्रों को बाल विवाह के दुष्प्रभावों की जानकारी देकर उन्हें इस कुप्रथा के खिलाफ शपथ दिलाई गई।
महिला एवं बाल विकास विभाग, सखी वन स्टॉप सेंटर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, और महिला स्व सहायता समूहों ने कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग किया।
5. मानव अधिकार दिवस पर जागरूकता:
10 दिसंबर को मानव अधिकार दिवस के अवसर पर, छात्रों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया गया और मानव अधिकार दिवस की शपथ दिलाई गई।
अभियान का महत्व:
इस प्रकार के प्रयास बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई को समाप्त करने के साथ-साथ समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में मदद करते हैं। जागरूकता के माध्यम से बच्चों को उनके अधिकारों, शिक्षा, और स्वास्थ्य के प्रति सशक्त बनाना इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है।