यह खबर समाज और कानून व्यवस्था के लिए कई गंभीर सवाल खड़े करती है। पूर्व विधायक जैसे जिम्मेदार पद पर रहे व्यक्ति के परिवार से जुड़ी इस घटना का सामने आना चिंताजनक है। डोगरीपाली पुलिस द्वारा 151 किलो गांजा जब्त करना एक बड़ी कामयाबी है, लेकिन इसके पीछे की सच्चाई और संबंधित सवालों का जवाब देना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
मुख्य बिंदु:
1. घटना का विवरण:
डोगरीपाली पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि एक सफेद इनोवा कार गांजा लेकर जा रही है।
घेराबंदी के दौरान आरोपी ने गाड़ी छोड़कर भागने की कोशिश की।
तलाशी के दौरान गाड़ी में 151 किलो गांजा मिला, जिसकी कीमत करीब 30 लाख रुपये बताई जा रही है।
2. राजनीतिक संबंध:
गाड़ी महासमुंद पासिंग की है और सरायपाली के कांग्रेस के पूर्व विधायक किस्मत लाल नंद के बेटे अंकित के नाम पर पंजीकृत बताई जा रही है।
3. पुलिस कार्रवाई पर सवाल:
घटना 21 तारीख की रात की है, लेकिन मीडिया को 12-15 घंटे बाद जानकारी दी गई।
घटना के तुरंत बाद गाड़ी की तस्वीरें मीडिया को नहीं दी गईं।
गाड़ी के मालिक की पहचान पर स्पष्टता नहीं है।
4. पुलिस का पक्ष:
एडिशनल एसपी निमिषा पांडे ने बताया कि एनडीपीएस एक्ट के तहत फॉर्मेलिटीज के कारण देरी हुई।
गाड़ी के मालिक की पुष्टि आरटीओ से जानकारी मिलने के बाद ही की जाएगी।
5. आरोपी की तलाश:
पुलिस जांच जारी है। आरोपी अब तक फरार है, और उसके पकड़ में आने के बाद ही पूरी सच्चाई सामने आ सकेगी।
सवाल जो जवाब मांगते हैं:
क्या गाड़ी के राजनीतिक संबंधों के कारण मामला दबाने की कोशिश हो रही है?
पुलिस ने घटना की जानकारी तुरंत क्यों नहीं साझा की?
गाड़ी में गांजा ले जाने की साजिश के पीछे कौन लोग शामिल हैं?
निष्कर्ष:
यह मामला न केवल एक आपराधिक घटना है, बल्कि प्रशासन और राजनीतिक नैतिकता पर भी सवाल खड़े करता है। अब देखना यह होगा कि पुलिस कब तक आरोपी को गिरफ्तार करती है और क्या इस मामले में निष्पक्ष जांच होगी।