
संगोष्ठी के दौरान, रबी फसलों जैसे गेहूं, चना और सरसों की खेती के नवीनतम तकनीकों पर विशेषज्ञों ने जानकारी दी। इसमें मिट्टी की गुणवत्ता सुधार, जल प्रबंधन, जैविक खेती, और फसल उत्पादन बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की गई। कृषकों ने अपनी जमीनी समस्याएं अधिकारियों के सामने रखीं, जिनका तत्काल समाधान किया गया। यह कदम किसानों और प्रशासन के बीच संवाद को और अधिक मजबूत बनाने का प्रतीक है।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों और राज्य सरकार की योजनाओं जैसे सब्सिडी, बीमा योजनाएं, और उपकरण सहायता के बारे में जागरूक करना था। विभागीय अधिकारियों ने इन योजनाओं के लाभों और उनके आवेदन प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
यह आयोजन केवल एक सम्मान समारोह नहीं, बल्कि एक प्रेरणादायक पहल भी साबित हुआ, जिसने किसानों को तकनीकी नवाचारों को अपनाने और कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। इस प्रकार की संगोष्ठियां ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने और कृषि को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।